पिथौरागढ़। ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय समिति के तत्वाधान में आयोजित नशामुक्ति गोष्ठी में अटल उत्कृष्ट राजकीय इण्टर कालेज गोरंगचौड में लम्बे समय से अभियान चला रहे डॉक्टर पीताम्बर अवस्थी ने कहा है आज जिस तेजी से युवा पीढ़ी नशे के मकड़जाल में फंस रही है वह चिन्तनीय विषय है।

नशा आज वैश्विक स्तर पर फैल चुका है जो विश्व भर के देशों के लिए चिन्ता का कारण बन चुका है। उन्होंने छात्र छात्राओं को नशे से होने वाले शारीरिक एवं मानसिक बिमारियों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि हमें हमेशा नशापान की प्रवृत्ति से बचना चाहिए तथा हमेशा अच्छे लोगों की संगत करनी चाहिए। श्रीमती मंजुला अवस्थी ने कहा कि नशे से सबसे अधिक महिलाओं एवं बच्चों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यदि किसी परिवार में एक भी व्यक्ति नशापान करता है तो उस परिवार की दयनीय स्थिति हो जाती है उस घर में न महिलाएं चैन से रह सकती है न बच्चे। ऐसी स्थिति में हमें किस प्रकार अपना बचाव करना है यह एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए पहले से ही हमें नशे से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि धामी सरकार का 2025का उत्तराखंड ड्रग्स मुक्त मिशन को पूरा करने के लिए सभी को आगे आना होगा। यह किसी एक व्यक्ति का कार्य न होकर सामुदायिक भावना से किया जाने वाला काम है। इस अवसर पर प्रभारी प्रधानाचार्य मन मोहन सिंह बिष्ट ने डा. अवस्थी को नशामुक्ति का योद्धा कह कर संबोधित करते हुए कहा कि डॉ अवस्थी लम्बे समय से नशा मुक्ति अभियान चला रहे हैं, जिसके सार्थक परिणाम विद्यालयों में देखने को मिल रहें जो सराहनीय कार्य है। अपने नीजि प्रयास से इतने वर्षों से निरन्तर किसी अभियान को जारी रखना अपने आप में एक अनुकरणीय उदाहरण है जो सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा कि आज सरकार भी नशामुक्ति अभियान चला रही है जो उत्तराखंड को नशामुक्त राज्य की ओर बढ़ता सराहनीय कार्य है। इस अवसर पर शिक्षक त्रिभुवन पांडेय, डॉ रघुनाथ भट्ट, विजय कुमार, चन्द्र मोहन सिंह, राजेश्वरी, विनीता चूफाल नारायण दत्त जोशी, ममता रविन्द्र कुमार आदि ने विचार रखे। अन्त में सभी छात्रों ने जीवन में नशा नहीं करने का संकल्प लिया।