पिथौरागढ़ 8 मार्च. मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने निर्माणाधीन थरकोट झील का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने झील के निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन ईवीएम वेयरहाउस और घंटाघर के निर्माण कार्यो की धीमी प्रगति पर लोनिवि तथा ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता का वेतन रोकने के भी निर्देश जारी किए।
पिथौरागढ़ शहर के निकट थारकोट में करीब 32 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन कृत्रिम झील जल्द अस्तित्व में आएगी। झील का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और जिला प्रशासन द्वारा इसकी रेग्युलर मानिटरिंग की जा रही है। सिंचाई विभाग ने झील का 90 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा कर लिया है और इसी मार्च आखरी तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। थारकोट झील से पेयजल आपूर्ति कराने के साथ ही सिंचाई के लिए भी झील के पानी का उपयोग किया जाएगा।
जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने मंगलवार को थारकोट में निर्माणाधीन झील का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदाई संस्था को गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। कहा सीमांत जिले के विकास में यह झील बेहद उपयोगी है। इससे पेयजल व सिंचाई की समस्या हल होने के साथ ही पर्यटन व्यवसाय को भी गति मिलेगी। उन्होंने झील के निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान साईट पर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता प्रकाश पुनेठा, कनिष्ठ अभियंता नीरज गिरी व संजय जोशी मौजूद थे।
जिलाधिकारी ने जनपद मुख्यालय में निर्माणाधीन ईवीएम वेयरहाउस और घंटाघर का निरीक्षण भी किया और निर्माण कार्यो की धीमी प्रगति पर लोनिवि तथा ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए। वही धारचूला में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को चेतावनी जारी करते हुए काली नदी किनारे तटबंध निर्माण साईट पर कैमरा लगाने और इसकी रेग्युलर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा।