पिथौरागढ़: युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य 24 मार्च को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया दिल्ली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग करेंगे। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। आयोग ने पत्र प्रेषित कर शौर्य को आमंत्रित किया है। इस संगोष्ठी में भारत के प्रत्येक प्रान्त से चुनिंदा बाल साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है। यह संगोष्ठी बाल अधिकारों एवं बाल साहित्य पर केंद्रित होगी। बाल साहित्यकार ललित शौर्य ने बताया की वह पहली बार आयोग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे हैं। यह उनके लिए व्यक्तिगत रूप से गौरव की बात है। संगोष्ठी का का विषय साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में बाल साहित्य की स्थिति रखा गया है। बाल साहित्य डिजिटल युग की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। बाल संस्कारों के पोषण के लिए बाल साहित्य की महनीय भूमिका है। ललित शौर्य ने बाल साहित्य वितरण अभियान भी चलाया हुवा है। वह लंबे समय से मोबाईल नहीं पुस्तक दो स्लोगन के साथ जनजागरण कर रहे हैं। शौर्य अभी तक विभिन्न माध्यमों से 12 हजार से अधिक बाल साहित्य की पुस्तकों का वितरण करवा चुके हैं। अबतक शौर्य के पांच बाल कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। कोरोना पर केंद्रित देश का पहला बाल कहानी संग्रह कोरोना वॉरियर्स ललित शौर्य द्वारा ही लिखा गया है। यह किताब बच्चों के बीच खासी लोकप्रिय हुई। ललित शौर्य की दो दर्जन से अधिक कहानियों का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तेलगु आदि भारतीय भाषाओं में हो चुका है।