पिथौरागढ़। उत्तराखंड में पिछले दो दशकों से नशामुक्त अभियान चला रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी डॉ.पीतांबर अवस्थी को विश्व हिंदी रचनाकार मंच ने उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया है।

डॉ.अवस्थी उत्तराखंड में नशा‌मुक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण तथा जल है तो कल है अभियान चला रहे हैं। सामाजिक सरोकारों से जुड़े डॉ.अवस्थी इन अभियानों के साथ-साथ लेखन कार्य भी करते आ रहे हैं। युवाओं में पढ़ने की प्रवृति पैदा करने के लिए अपने प्रयासों से संस्कृत पुस्तकालय स्थापित करने वाले डॉ.अवस्थी लगातार लेखन कार्य कर रहे हैं। वह अब तक काव्य संग्रह मंजुल, कुमाऊंनी काव्य संग्रह परछाई, कुमाऊंनी काव्य संग्रह पंचप्रिया, रोगनाशी जड़ी बूटियां, हिमालय, बेटियां, जिंदगी जरूरी है, उत्तराखंड के परंपरागत जलस्रोत, मासिक धर्म अपवित्र क्यों, स्तवन, नित्य कर्म पद्धति, पिताश्री के प्रिय भजन, अभियान एक दस्तावेज, बोधकाथ सहित एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। हिंदी एवं कुमाऊंनी साहित्य के संरक्षण में डॉ.अवस्थी के योगदान को देखते हुए उन्हें विश्व हिंदी रचनाकार मंच ने उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान मिलने पर जनपद के साहित्यकारों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों, रचनाकारों ने खुशी व्यक्त की है।