मुनस्यारी(पिथौरागढ़)। सीमांत क्षेत्र के 14 ग्राम पंचायतों में महिला स्वयं सहायता के माध्यम से समूह तुलसी, हल्दी, अदरक, कीवी, तेजपत्ता, सेब के साथ जड़ी बूटियों की खेती की जाएगी। इसके लिए महिलाओं को एक दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद ग्राम स्तर पर बैठक कर कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नमजला में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने किया। उन्होंने कहा कि हर गांव को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। हम सब मिलकर इस क्षेत्र को हिमाचल जैसा उत्पादक बनाकर हर हाथ में रोजगार उपलब्ध कराएंगे। प्रधानाचार्या नीमा आर्या ने महिला स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। जड़ी बूटी शोध संस्थान गोपेश्वर के पिथौरागढ़ यूनिट के मास्टर ट्रेनर एनडी जोशी ने कहा कि यहां की जलवायु जड़ी बूटी की खेती के लिए अनुकूल है। श्याम तुलसी, तेजपत्ता, बड़ी इलायची, कैमोमाइल, रीठा, रोजमैरी, तिमूर, गिलोई की खेती करने की विधि तथा संस्थान की ओर से दिए जाने वाले सहयोग के बारे में बताया। सहायक विकास अधिकारी कृषि सर्वेश पाल, सहायक विकास अधिकारी कृषि अमित ने कृषि विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला। बताया कि धापा तथा इमला में कीवी की खेती का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। नमसा के अंतर्गत दुधारू गाय भी दी जा रही है। आटा चक्की के अलावा मुर्गीबाड़ा, दस प्रतिशत अनुदान पर बीज भी दिया जा रहा है। सहायक विकास अधिकारी उद्यान कमल पंत ने उद्यान विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में शिक्षिका हिमांशी मेहता, गीता आर्या, लिपिक नरेंद्र सिंह नित्वाल, भोजनमाता लीला देवी, जड़ी बूटी शोध संस्थान के सर्वेक्षक सहायक देवकी नंदन गुरुरानी, उद्यान विभाग के एलआरपी जगदीश नित्वाल, विकास खंड के एनआरएलएम की शकुंतला रावत आदि मौजूद रहे।