धारचूला(पिथौरागढ़)। व्यास घाटी के चीन सीमा गुंजी और ज्योलीकांग तक सड़क मार्ग से डीजीबीआर के डीजी लेप्टिनेट जनरल राजीव चौधरी (विशिष्ट सेवा मेडल ) ने निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। 10 हजार से 14 हजार फुट की अति दुर्गम और विषम परिस्थितियों में कार्य कर रहे सभी बीआरओ के अधिकारियों,कर्मचारियों और मजदूरों से मिलकर हौसला अफजाई करते हुए सराहना की।

डीजी शुक्रवार को तवाघाट से गुंजी तक सड़क मार्ग से निरीक्षण करते हुए गुंजी में रात्रि विश्राम करने के बाद शनिवार को गुंजी से नाबी,कुटी होते हुए 36 किलोमीटर की यात्रा करके ज्योलीकांग पहुँचे। ज्योलीकांग में सड़क निर्माण में लगे अधिकारी और कर्मचारियों से मुलाकात कर सड़क निर्माण कार्य की जानकारी ली। डीजी ने अपने निरीक्षण के दौरान कई जगहों में वाहन से उतरकर सड़क निर्माण कार्य कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों से हाथ मिलाते हुए शाबासी दी।डीजी के विजिट का मुख्य उद्देश्य व्यास घाटी के चीन सीमा चल रही सड़क निर्माण कार्य का समीक्षा करना है। उनके विजिट से सड़क निर्माण कार्य मे और तेजी आने की उम्मीद जगी है।शनिवार को डीजी ने ज्योलीकांग का निरीक्षण करने के बाद गुंजी से हेलीकॉप्टर से वापस लौट आये। बता दे व्यास घाटी में 65 आरसीसी ग्रेफ सड़क चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य कर रही है।और घटयाबगड़ से तवाघाट नीचे की और 67 आरसीसी ग्रेफ चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य कर रही है।इस दौरान डीजी के साथ बीआरओ के हीरक परियोजना के चीफ इंजीनियर आशु सिंह राठौड़(एवीएसएम, व वीएसएम मेडल) और 65 आर सीसी ग्रेफ के ओसी मेजर करन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

You missed