पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ में बाल पत्रिका “नन्हीं कलम” के नये अंक का विमोचन किया गया. विमोचन में विभिन्न स्कूलों के बच्चे, अभिभावकों, शिक्षकों, साहित्यकारों ने शिरकत की. कोविड महामारी की शुरुआत के बाद यह पहली बार है कि ‘नन्हीं कलम’ का अंक प्रिंट रूप में सामने आ रहा है
कार्यक्रम के पहले सत्र में नन्हीं कलम के रचनाकारों द्वारा अंक में प्रकाशित अपनी रचनाओं का पाठ किया गया एवं पत्रिका से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया. रचनापाठ करने वाले बच्चों में मानवी पंत, मनस्वी जोशी, दृष्टि कन्याल, दिव्यांशी मेहरा, श्रेया बिष्ट, पलक चंद आदि शामिल रहे.
‘नन्हीं कलम’ के संपादक आशीष चौधरी ने नन्हीं कलम के उद्देश्य, इस अंक की विषय समाग्री और इसको लेकर बच्चों के उत्साह को को लेकर विस्तृत बात रखी.
संपादक मंडल की सदस्य शीतल सामंत ने चौथे अंक की रचनाओं और आगामी अंकों की रूपरेखा रखी. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से ‘नन्हीं कलम’ के नए अंक पर काम जारी था. हर रविवार बच्चों के साथ गतिविधियों और रचनाओं पर काम करने के लिए लगातार मिलना हो रहा था. इसी का परिणाम है कि ‘नन्हीं कलम’ का नया अंक तैयार है. यह अंक इस बार एक नए डिजाइन में सामने आ रहा है.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शिक्षक-साहित्यकार महेश पुनेठा ने “बच्चों के सीखने-समझने की प्रक्रिया में रचनात्मकता गतिविधियों की भूमिका” विषय पर व्याख्यान दिया और अभिभावकों से संवाद किया. उन्होंने घर में सीखने को प्रोत्साहित करने को एक जरूरी “सीखने का कोना” होने की जरूरत पर बात की. अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों में रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में अभिभावकों की भूमिका भी शिक्षकों जितनी ही महत्वपूर्ण है.
कार्यक्रम पर बोलते हुए शिक्षक राजीव जोशी ने हर घर में अभिभावकों के भी बच्चों संग पढ़ने की जरूरत पर जोर दिया. शिक्षक रमेश जोशी ने नन्हे कलम के नये अंक निकालने पर ‘नन्हीं कलम’ की पूरी टीम को बधाई देते हुए इन नन्हें रचनाकारों की जमकर प्रशंसा की.
‘नन्हीं चौपाल’ के संपादक विप्लव भट्ट ने इस प्रयास की जमकर सराहना करते हुए बच्चों के साथ काम करने के अपने अनुभवों को भी साझा किया.
साहित्यकार प्रकाश पुनेठा ने बचपन के अपने अनुभवों को बच्चों के साथ साझा करते हुए सब का उत्साहवर्धन किया.
कार्य्रकम में मौजूद रचना शर्मा जी ने भी बच्चों के इस तरह के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम का संचालन अभिषेक ने किया.
इस अवसर पर बाल साहित्य प्रदर्शनी भी लगायी गयी जिसमें एकलव्य, इकतारा जैसे उत्कृष्ट प्रकाशनों की किताबें उपलब्ध रही.
आयोजन में विद्या, गणेश, शीतल, एकता, मेनका, ऐश खर्कवाल, निधि खर्कवाल, गौरांग, मोहित, दीपक समेत दर्जनों युवा शामिल रहे.
‘नन्हीं कलम’ के इस अंक में जिन बच्चों की रचनाएं शामिल रही उनमें शिवांश तिवारी, मुदित पन्त, आदित्य मेहता, दक्ष चंद, निशा आर्य, दिव्यांशु, मयंक आदि शामिल हैं.