पिथौरागढ़। शैक्षिक दखल की ओर से पिथौरागढ़ शहर के अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन के सभागार में युवा साहित्यकार रमेश चन्द्र जोशी के व्यंग्य संग्रह ‘‘मार्निंग वाक पर कुत्ते’’ का विमोचन मुख्य अतिथि दिनेश चन्द्र सती जिला शिक्षा अधिकारी पिथौरागढ़ व अन्य उपस्थित अतिथियों, साहित्यप्रेमियों द्वारा समारोह पूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सती ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि साहित्यकार समाज को दिशा देने का काम करता है। श्री जोशी ने अपनी इस व्यंग्य रचना से न केवल पाठकों को गुदगुदाने का काम किया है वरन् अपनी सशक्त लेखनी से समाज को सकारात्मक दिशा देने का भी प्रयास किया है। इस रचना में विभिन्न विषयों पर उनके द्वारा लिखे गए व्यंग्य आलेख पाठकों का स्वस्थ मजोरंजन करने के साथ-साथ समाज में प्रचलित अनेक बुराइयों की ओर भी संकेत करते हैं। उनकी साफगोई, सरल भाषा, शब्दों का चयन और चुनिन्दा विषय बहुत आकर्षक हैं जो निश्चित रूप से पाठकों को इस पुस्तक को पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। आरंभ के युवा महेन्द्र ने लेखक के व्यंग्य संग्रह में संग्रहित ‘मेहन्दी’ नामक शीर्षक के आलेख का बहुत ही शानदार ढंग से वाचन किया। उनके द्वारा इस व्यंग्य पाठ के वाचन से सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।
पुस्तक की समीक्षा करते हुए साहित्यकार श्री चिन्तामणि जोशी जी ने श्री रमेश जोशी के व्यंग्य संग्रह को सुसंगत, साफ एवं निरपेक्ष बताते हुए कहा कि श्री जोशी की साफगोई और विषय संदर्भ काफी प्रभावित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यंग्य संग्रह बहुत ही सरल शब्दों में समाज में प्रचलित तमाम मुद्दों पर आसानी से घातक प्रहार करता है। उन्होंने कहा कि व्यंग्य संग्रह का प्रत्येक शीर्षक और उसके अन्दर की सामग्री बहुत रोचक और पठनीय है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के प्रत्येक व्यंग्य की व्यंजना और अविधा जबरदस्त है। उन्होंने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि लेखक मानव व्यवहार और मानवीय सम्बन्धों के बड़े अच्छे पारखी हैं और इन्होंने अपनी दुनियां अपने समाज का गहन-गंभीर अवलोकन किया है और जीवन की हर छोटी-बड़ी घटना को आत्मसात कर अपने अनुभवों को समृद्ध किया है। लेखक ने व्यंग्य आलेखों में घटनाओं, विवरणों और उद्धरणों को, चाहे उपहास हो, मजाक हो या आलोचना, इस बारीकी से जोड़ा है कि गाँठ दिखना तो दूर कहीं पर बिन्दु सदृश अंतराल भी नहीं दिखता। लेखक की शैली व्यंग्य विधा के अनुरूप पाठकों को गुदगुदाने, हँसाने और चैंकाने में सफल रही है।

इस अवसर पर पुस्तक के लेखक श्री रमेश जोशी ने शैक्षिक दखल का आभार व्यक्त करते हुए पिथौरागढ़ शहर के सभी साहित्यकारों, शिक्षाविदों, शिक्षकों और समस्त उपस्थित जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सबके सहयोग से यह पुस्तक प्रकाशित हो पाई है। यह पाठकों पर निर्भर है कि वे इसे किस रूप में स्वीकार करें। उन्होंने पाठकों से अपील की कि अवश्य इस पुस्तक को पढ़कर अपने सुझावों से अवगत कराने का कष्ट करेंगे। प्रधानाचार्य और चर्चित कवि श्री नीरज पन्त ने कहा कि व्यंग्य विधा में लेखन करना बहुत आसान काम नहीं है परन्तु पुस्तक के लेखक श्री रमेश जोशी ने बहुत ही सहज और सरल शब्दों में सामान्य विषयों पर बहुत ही प्रभावशाली आलेख लिखे हैं। उन्होंने कहा कि लेखक की रचनाओं में तो व्यंग्य है ही उनकी बातों में भी व्यंग्य का हमेशा पुट रहता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में डा0 दीप चन्द्र चैधरी जी ने कहा कि लेखक के पुस्तक के शीर्षक चयन से लेकर उपशीर्षकों तक में व्यंग्य झलकता है। उन्होंने आम जन के विषयों को लेकर उनकी समस्याओं को उजागर किया है और व्यवस्थाओं पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को पुस्तकें पढ़नी चाहिए। पठन-पाठन से समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि, आलोचक और शैक्षिक दखल के सम्पादक महेश पुनेठा ने किया। उन्होंने परिचय में व्यंग्य संग्रह और उसके लेखक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से पुस्तक सामान्य से विषयों को लेकर लिखी गई है और जनसामान्य के पक्ष को रखते हुए व्यवस्था पर करारा प्रहार करती है। श्री पुनेठा ने कहा कि व्यंग्य लेखन दुधारी तलवार है परन्तु लेखक ने बहुत ही सहज और सरल तरीके से अपनी बात रखते हुए अनेक विषमताओं को उजागर किया है व उनके समाधान की ओर भी इशारा किया है। उन्होंने अपने संचालन कौशल से उपस्थित जनसमूह को कार्यक्रमपर्यन्त बाँधे रखा। जूनियर हाईस्कूल मण्डप के प्रधानाध्यापक श्री हरीश चन्द्र पाण्डेय जी ने इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्यकार श्री रमेश जोशी ने व्यंग्य संग्रह की रचना कर समाज को पढ़ने की दिशा में आगे ले जाने का कार्य किया है।

कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार श्री पदमादत पन्त, वरिष्ठ नागरिक व शिक्षाविद श्री गोविन्द बल्लभ जोशी, श्री दिनेश भट्ट, श्रीमती विद्या खर्कवाल, श्री विप्लव भट्ट श्री कैलाश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार श्री कुण्डल चौहान, श्री जगदीश कलौनी, श्रीमती रेणुका जोशी, श्रीमती शीला पुनेठा, श्री नवल पन्त, श्री सौरभ पन्त, शैक्षिक दखल के श्री राजीव जोशी, श्री किशोर पाटनी, श्री भुवन पाण्डेय, श्री मनोज कुमार, श्री सन्तोष पन्त, श्रीमती रचना शर्मा, श्रीमती मंजूलता, श्रीमती जयमाला देवलाल, श्रीमती लक्ष्मी जोशी, श्रीमती अर्चना जोशी, श्रीमती दीप्ती भट्ट, आशा सौन, श्री दिनेश भट्ट, श्री राजेन्द्र जोेशी, रक्षिता जोशी, प्रेरणा जोशी, दिव्या पाठक, उदित जोशी, श्री कैलाश कुमार सहित अनेक साहित्यकार, शिक्षाप्रेमी अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन परिवार, आरम्भ समूह के अभिषेक पुनेठा, महेन्द्र रावत, आशीष चौधरी, मुकेश सहित अनेक युवा व साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।