पिथौरागढ़. पिथौरागढ़ के टकाना स्थित रामलीला मैदान में ‘आरंभ स्टडी सर्कल’ द्वारा 29वीं पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में युवाओं की उत्साहजनक भागीदारी रही और 20 से भी अधिक पुस्तकों पर चर्चा हुई. कार्यक्रम में उपस्थित पाठकों ने शिक्षाशास्त्र, इतिहास, विज्ञान, दर्शन, यात्रा-वृत्तांत, उपन्यास समेत विविध विषयों की पुस्तकों पर अपनी टिप्पणी रखते हुए चर्चा की.
पाठकों ने जिन किताबों पर चर्चा की उनमें ए.एस.नील की ‘समरहिल’, पेरूमल मुरुगन की ‘एस्चुअरी’ एवं ‘पूनाची’, रामचंद्र गुहा की ‘नेता संत और विद्वान’, त्रेपन सिंह चौहान की ‘यमुना’ एवं ‘हे ब्वारी’, वर्जिनिया वूल्फ की ‘अपना कमरा’, सपना चमड़िया की ‘रोज वाली स्त्री’, ओमप्रकाश वाल्मीकि की ‘जूठन’, नंदकिशोर आचार्य की ‘इतिहास के सवाल’, चिंगीज आइत्मातोव की ‘पहला अध्यापक’, लाल बहादुर वर्मा की ‘अधूरी क्रांतियों का इतिहासबोध’, पॉला हॉकिंस की ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’, चार्ली मैकेजी की ‘द बॉय, द मोल, द फॉक्स एंड द हॉर्स’, प्रेमचंद की ‘सेवासदन’, सोफिया सेगोवा की ‘द मरमर ऑफ बीज’ पुस्तकें उल्लेखनीय रही.
‘आरंभ’ के दीपक ने बताया कि आयोजन की विशेष बात रही कि किताबों पर पहली बार अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत कर रहे युवाओं की संख्या नियमित वक्ताओं से अधिक रही. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां पिथौरागढ़ के पुस्तक प्रेमी हर माह एकत्रित होकर अपनी पढ़ी हुई पुस्तक पर बात रखते हैं और हर माह इस मंच में नए पाठकों का सामने आना बहुत उत्साहित करने वाला है.
कार्यक्रम में विद्या, गार्गी, ललित, भूमिका पांडे, कमल, हिमांशु, स्नेहा, योगेश, शीतल, एकता, निधि खर्कवाल, सलिल, दीक्षा, दिनेश, शीतल महर, मोहित, महेंद्र, रोहित सहित अनेकों युवा एवं शिक्षक सहित्यकार राजीव जोशी, रमेश जोशी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन अभिषेक ने किया. कार्यक्रम के प्रारूप के बारे में जानकरी देते हुए उन्होंने बताया कि “हमारी कोशिश रहती है कि अधिकांश पाठक अपने साथ पुस्तक की प्रति भी लाएँ जिससे अगर किसी अन्य उपस्थित पाठक को वह पुस्तक पढ़ने की इच्छा हो तो पुस्तक की प्रति उपलब्ध रहे. इस तरह यह आयोजन किताबों पर अपनी राय साझा करने के साथ किताबों को साझा करने का भी एक आयोजन बन जाता है. कार्यक्रम के अंत में हमेशा की तरह पाठकों ने अपनी पसंद से आगे पढ़ने के लिए किताबों का चयन भी किया.