नई दिल्ली/पिथौरागढ़। एवरेस्ट विजेता शीतल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तेंनजिंग नोर्गी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। शीतल को यह सम्मान मिलने से सीमांत में खुशी की लहर है।

पिथौरागढ़ के सल्मोड़ा गांव की शीतल ने 16 मई 2019 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह किया था। शीतल 2016 से अब तक 10 से अधिक हिमालयी चोटियों में देश का झंडा फहरा चुकी हैं। 2018 में शीतल ने 7075 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट संतोपंथ, माउंट त्रिशूल 7120 मीटर फतह किया। 2019 में माउंट कंचनजंघा 8520 मीटर, माउंट एवरेस्ट 8848 मीटर और 2020 में 8091मीटर की ऊंचाई पर स्थित अन्नपूर्णा पर्वत फतह किया। शीतल ने वर्ष 2021 में यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रूस फतह किया। एवरेस्ट सहित दुनियां की तमाम चोटियों को फतह करने वाली सीमांत की बेटी शीतल का चयन तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार के लिए हुआ था। 13 नवंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शीतल को यह सम्मान प्रदान किया। शीतल को यह सम्मान मिलने से पूरे सीमांत में खुशी है। सीबीटीएस संस्था ‌के संस्थापक एवरेस्ट विजेता योगेश गर्ब्याल सहित सीबीटीएस के सभी सदस्य काफी खुश हैं।

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