टिहरी। लाखों की ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह का टिहरी पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मामले में पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड नाइजीरियन नागरिक और एक नागालैंड की महिला को नोएडा से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन आरोपियों ने टिहरी घनसाली निवासी लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल से 27 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।
एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा, घनसाली निवासी पीड़ित लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल एक एनजीओ संचालित करते हैं। पिछले साल इन्हें बैंक अधिकारी बनकर नाइजीरियन नागरिक इरीभोग जेरोम विक्टर ने फोन किया और ग्रामीण क्षेत्र में विकास के लिए 11 करोड़ रुपये देने का प्रलोभन दिया। सेमवाल उसकी बातों में आ गए। आरोपी ने उन्हें फंड देने के एवज में सिक्योरिटी मनी देने को कहा।
इसके बाद सेमवाल ने ठग के बताए गए अलग-अलग खातों में 27 लाख 28 हजार 500 रुपये डाले। लेकिन ठगों ने सेमवाल के खातों में कोई रुपया नहीं डाला। उसके बाद सेमवाल ने घनसाली थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल के आधार पर नोएडा से नाइजीरियन नागरिक इरीभोग जेरोम विक्टर और नागालैंड निवासी महिला ल्यांग पिखुम्ला चांग को गिरफ्तार किया। दोनों ने अलग-अलग एटीएम कार्डों से सेमवाल द्वारा जमा धनराशि को निकाला था।
एसएसपी ने बताया कि विक्टर और ल्यांग पिखुम्ला दोनों चार साल से दिल्ली में लिव इन रिलेशन में रहते हैं। इनका एक दो साल का बेटा भी है। महिला अभी प्रेग्नेंट है। नाइजीरियाई ठग दिल्ली में टूरिस्ट वीजा पर आया था और फिलहाल उसका वीजा खत्म हो गया है। वो दिल्ली में फर्जी तरीके से रह रहा था। टिहरी पुलिस को इन आरोपियों के पास से 35 एटीएम, 12 मोबाइल, 1 कार और 74 हजार 500 रुपये बरामद हुए है। अभियुक्तों के बैंक खाते में धनराशि 5 लाख 22 हजार 181 रुपये फ्रीज किए गये हैं।
नाइजीरियन आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो अपने अन्य विदेशी और भारतीय सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर बैंकों की मिलती जुलती वेबसाइट से बनाकर उस पर कस्टमर केयर की जगह फर्जी मोबाइल नंबर डालता था। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में डेवलपमेंट करने के लिए आर्थिक सहायता देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करता था।