दिल्ली। गुरु नानक जयंती के मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों के हक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसकी वजह से साल भर से अधिक समय से देश के कई हिस्सो में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, उस कृषि कानूनों को सरकार ने निरस्त करने का फैसला ले लिया है। देश के नाम संबोधन में शुक्रवार को पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया और कहा कि उनकी तपस्या में ही कुछ कमी रह गई होगी, जिसकी वजह से कुछ किसानों को उनकी सरकार समझा नहीं पाई और अंत में यह कानून वापस लेना पड़ा। हालांकि, पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को अब भी डिफेंड किया और कहा कि कुछ किसानों के न समझने की वजह से ही यह फैसला लेना पड़ा। तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा। संबोधन के शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया।पीएम मोदी ने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले। बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।पीएम मोदी ने कहा कि कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है, हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था

PM Modi withdrew all three agriculture laws

Delhi: Prime Minister Narendra Modi has taken a big decision in favor of the protesting farmers on the occasion of Guru Nanak Jayanti. Due to which the farmers were protesting in many parts of the country for more than a year, the government has decided to repeal those agricultural laws. In his address to the nation, on Friday, PM Modi, apologizing to the countrymen, withdrew all three agricultural laws and said that there must have been some deficiency in his penance, due to which his government could not explain to some farmers and in the end it The law had to be withdrawn. However, PM Modi still defended agricultural laws and said that this decision had to be taken due to lack of understanding of some farmers. So let’s know what PM Modi said in his address. In the beginning of the address, PM Modi said that in my public life of five decades, I have experienced the difficulties and challenges of farmers very closely. Addressing the nation, Prime Minister Narendra Modi outlined the steps taken by his government to benefit small farmers.PM Modi said that in this great campaign to improve the condition of farmers, three agricultural laws were brought in the country. The objective was that the farmers of the country, especially the small farmers, should get more strength, they should get the right price for their produce and more and more options to sell the produce. For years, farmers of the country, agricultural experts of the country, farmers’ organizations of the country were continuously making this demand. Many governments had brainstormed on this in the past as well. This time also there was discussion in Parliament, churning took place and these laws were brought.

PM Modi said that our government is for the welfare of farmers, especially for the welfare of small farmers, in the interest of the agricultural world of the country, in the interest of the country, for the bright future of the village poor, with full sincerity, for the farmers. With devotion, with a noble intention, she had brought this law. But such a sacred thing, absolutely pure, for the benefit of the farmers, we could not explain to some farmers in spite of our efforts. Agricultural economists, scientists, progressive farmers also tried hard to make them understand the importance of agricultural laws.

Apologizing to the countrymen, PM Modi said that today I have come to tell you, the whole country, that we have decided to withdraw all three agricultural laws. In the Parliament session that begins later this month, we will complete the constitutional process to repeal these three agricultural laws.PM Modi said that the agriculture budget has been increased five times, every year more than Rs 1.25 lakh crore is being spent. He said that his government had failed to explain the benefits of the three new agricultural laws to a section of farmers despite all their efforts. He said that the aim of these three agricultural laws was empowerment of farmers especially small farmers.