धारचूला(पिथौरागढ़)। व्यास घाटी के 6 गांवों में एक माह से शीतकाल का राशन वितरण नहीं होने से लगभग 100 परिवारों को महंगे दामों में राशन खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। खाद्य विभाग द्वारा शीघ्र राशन वितरण नही होने पर बर्फबारी के कारण सड़क बन्द होने के बाद माइग्रेशन वाले गावों में राशन का संकट उत्पन्न हो सकता है।
प्रधान रोंकांग अंजू रोंकली और गुंजी की सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने व्यास घाटी के 7 गांव में से 6 गाँव बुदि,गर्ब्यांग, नप्लचु, गुंजी,नाबी और रोंकांग के लगभग 100 परिवार पूरे 12 महीने गाँव में ही रहते है।
बाकी परिवार निचली घाटी को वापस लौट चुके हैं।
अंजू रोंकली और लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया कि 6 गाँव के लोग सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी करने और अपने मवेशियों के लिए 12 महीने गांव में रहते हैं। 15 नवम्बर के बाद व्यास घाटी में बर्फबारी शुरू हो जाती है जिसके कारण सड़क बन्द होने पर वाहनों की आवाजाही ठप हो जाती है।
लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया कि एक महीने से स्थानीय खाद्य निरीक्षक और सेल्समैन से राशन देने की मांग करने के बाद भी अब तक राशन वितरण नहीं किया गया है। जिसके कारण लोगों को महंगे दामों में राशन दुकानों से खरीदना पड़ रहा है। व्यास घाटी के चीन सीमा के अंतिम गांव कुटी 12303 फुट निवासी कुंवर सिंह कुटियाल ने बताया कि उनके गांव में शीत काल में नवम्बर 20 के बाद अत्यधिक बर्फबारी हो जाती है जिसके कारण सभी ग्रामीण 6 नवम्बर तक अपने मवेशियों के साथ वापस निचली घाटी आ चुके है। बर्फबारी ज्यादा होने के कारण उनके गांव के लोग 6 महीने के लिए माइग्रेशन में जाते है। विधायक हरीश धामी ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा विंटर का राशन वितरण नही होने की सूचना फोन से दी है। इस बारे में जिलाधिकारी को शीघ्र राशन वितरण किये जाने को बता दिया गया है। इस मामले में धारचूला के संयुक्त मजिस्ट्रेट दिवेश शाशनी ने बताया कि व्यास घाटी के 6 गांवों में विंटर का राशन वितरण नही किये जाने की सूचना मिली है। जिसके बाद डीएसओ और एफजीआई को एक सप्ताह में राशन वितरण करने के निर्देश दिया गया।