धारचूला(पिथौरागढ़)। धारचूला में तटबंध निर्माण के दौरान नेपाल की ओर से हुए पथराव की घटना से भारतीय व्यापारियों में भी काफी नाराजगी है। बार-बार की जा रही पत्थरबाजी से नाराज धारचूला व्यापार संघ और स्थानीय लोगों ने भारत नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूला पुल को नहीं खुलने दिया। प्रशासन के आश्वासन के बाद झुलापुल खुला।
बता दें कि रविवार नेपाल की और कुछ नेपालियों लोगो के द्वारा काली नदी मे बन रहे तटबंध में कार्य कर रहे मजदूरों पर पत्थर बाजी करने और स्थानीय नेपालियों ने दो घण्टे नेपाल की और पुल बन्द रहने के दौरान नेपाल की और सेकड़ो भारतीय लोग दो घण्टे तक फंसे रहे और नेपालियों की भारी भीड़ जमा हो गयी थी। इसी बीच अचानक नेपाल पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज शुरू हो गया। जिसके कारण कुछ भारतीय व्यापारी घायल हो गए।दोनो और के अधिकारियों के वार्ता के बाद दो घण्टे बाद पुल खुल पाया था।
कल हुए पथराव और लाठीचार्ज से भारतीयों के घायल होने से नाराज व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा के नेतृत्व में कई व्यापारियों ने आज सुबह 7 बजे पुल पहुँच कर एसएसबी को पुल खोलने नहीं दिया। पुल बन्द की सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी दिवेश शाशनी पुल पर पहुँचे और नाराज व्यापारियों को समझाने लगे। व्यापार मंडल अध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी से नेपाल की और आये दिन पत्थर बाजी करने वाले पर दार्चुला प्रशासन से कानूनी मांग की। जिसपर उपजिलाधिकारी ने तीन दिन का आश्वासन देने के बाद व्यापारियों ने लगभग 1 घण्टे 40 मिनट के बाद पुल खोने दिया। जिसके बाद पुल पर आवाजाही शुरू हो पाई।
रविवार को नेपाल की ओर से हुए पथराव की घटना के बाद सोमवार को पिथौरागढ़ से अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान धारचूला पहुंचे इसके बाद एसडीएम दिवेश सासनी के साथ दार्चुला जाकर पथराव करने वालों के खिलाफ कारवाई की मांग उठाई। वार्ता के दौरान नेपाल के अधिकारियों ने इस मामले में उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।