धारचूला( पिथौरागढ़)। चीन सीमा से सटे भारत के अंतिम गांव कुटी गुंजी को जोड़ने वाले आदि कैलाश सड़क  में बीआरओ ने डामरीकरण शुरू कर दिया है। शनिवार से तमाम विषम परि‌स्थितियों में 11हजार फीट की ऊंचाई पर गुंजी से नाबी के बीच करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में डामरीकरण का कार्य शुरू किया गया। इस सड़क में डामरीकरण होने से आदि कैलाश तक पहुंचना सुगम हो जाएगा।

चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट- लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत जहां पूर्व में ही बीआरओ के द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण का कार्य तेजी से जारी है वहीं अब सीमांत की सड़क में डामरीकरण भी शुरू कर दिया गया है। उच्च हिमालय क्षेत्र होने के कारण यहां पर काम करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में डामरीकरण करने में भी बीआरओ को मौसम की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। एक दनि में मुश्किल से 4 से 5 घंटे ही सुचारू रूप से कार्य हो पाता है। बीआरओ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि मौसम ने साथ दिया तो शीघ्र ही डामरीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सड़क में डामरीकरण के बाद आदि कैलाश दर्शन के लिए जाने वाले लोगों के लिए यात्रा सुगम हो जाएगी।