पिथौरागढ़। इस वर्ष का ‘दिलीप सिंह खेतवाल स्मृति कर्मवीर पुरस्कार’ हेमराज बिष्ट को दिया जाएगा। यह पुरस्कार ‘कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति और ‘पहरू’ की ओर से आगामी 04, 05 व 06 नवंबर 2023 को पिथौरागढ़ में आयोजित 15 वां ‘राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन’ में दिया जाएगा।
कर्मवीर पुरस्कार चयन समिति के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पिथौरागढ़ निवासी हेमराज बिष्ट को कुमाउनी संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय लेखन के लिए चुना गया है। समिति सचिव डाॅ. हयात सिंह रावत ने बताया की पुरस्कार के रूप में उन्हें पांच हजार एक सौ रूपये की नकद धनराशि, अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
12 मई 1964 को पिथौरागढ़ जिले के ग्रा.- डुंगरी-मिताड़ीगांव में माता भागीरथी देवी और पिताजी श्री गोपाल सिंह बिष्ट के घर जन्मे हेमराज बिष्ट कुमाउनी संस्कृति को संवारने और आगे बढ़ाने में कई सालों से सक्रिय हैं। हेमराज बिष्ट ने वर्ष 1986 में ‘पर्वतीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कला समिति’ की स्थापना की, जिसे ‘नवोदय पर्वतीय कला केन्द्र’ रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने पिथौरागढ़ की पहचान प्रसिद्ध ‘हिलजात्रा’ को देश, विदेश तक पहुंचाने में विशेष योगदान दिया है। सन् 1997 से 2012 तक लगातार पिथौरागढ़ ‘छलिया महोत्सव’ आयोजित करा कर उत्तराखंड के ‘छलिया नृत्य’ को प्रकाश में लाने का भी महत्वूपर्ण कार्य किया है। नरेन्द्रा पैलेश बागेश्वर के नरेन्द्र खेतवाल द्वारा प्रयोजित यह पुरस्कार वर्ष 2021 से समाज में उल्लेखनीय कार्य के लिए हर वर्ष दिया जा रहा है। अभी तक इस पुरस्कार से कै. नारायण सिंह उन्यूड़ी (बागेश्वर), नारायण सिंह बिष्ट (हल्द्वानी) को पुरस्कृत किया जा चुका है। सम्मेलन संयोजक डाॅ. अशोक पंत ने कुमाउनी भाषा प्रेमियों, रंगकर्मियों, रचनाकारों से सम्मेलन में प्रतिभाग करने की अपील की है।