पिथौरागढ़। मुख्यालय के मड़धूरा में अधूरे पड़े नन्हीं परी इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण कार्य की अनियमितता के संबंध में शासन द्वारा जिलाधिकारी पिथौरागढ़ की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई है। मंगलवार को जांच कमेटी की अध्यक्ष जिलाधिकारी रीना जोशी द्वारा कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ निर्माणाधीन नन्ही परी इंजीनियरिंग कॉलेज मड़ का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान जांच कमेटी के सदस्यों द्वारा भवन की वर्तमान स्थिति आदि का जायजा लिया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कमेटी के सदस्य लोनिवि के अधिशासी अभियंता को दो दिन के भीतर भवन में वर्तमान तक हुए कुल कार्य व क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं, साथ ही सदस्य भू वैज्ञानिक से भी भवन क्षेत्र का वर्तमान स्थिति के अनुसार भू सर्वेक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि निरीक्षण के साथ ही सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके।
निरीक्षण के दौरान भवन के पिछले हिस्से में पहाड़ी से हो रहे भू-कटाव के कारण भवन के भू तल के सभी कक्ष्यों में मलवा भरा पाया गया। इस भाग में किसी भी प्रकार की सुरक्षा हेतु रिटेनिंग / सुरक्षात्मक दीवारों का निर्माण कार्य नहीं किया गया है, जिस कारण भवन के पिछले भाग में वर्षा के कारण मृदा संरक्षण की प्रकिया तीव्रता से गतिमान है। ब्लॉक भवन के ग्राउंड फ्लोर में मृदा की परत व मृदा का जमाव पाया गया है। ग्राउंड फ्लोर के सभी कमरे क्षतिग्रस्त है।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया कि संस्थान के भवन निर्माण में हुई क्षति का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाए। जिलाधिकारी द्वारा नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रभारी निदेशक डॉ अजीत सिंह को निर्देश दिए की भवन में रखी गई सारी मशीनों को किसी अन्य स्थान पर रखा जाए ताकि वो सुरक्षित रहें।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी डॉo शिव कुमार बरनवाल , एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला, भू वैज्ञानिक, अधिशासी अभियंता लोनिवि, प्रभारी निदेशक एसआईटी आदि अधिकारी उपस्थित थे।