पिथौरागढ़। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार द्वारा आयोजित महाकवि कालिदास मास महोत्सव के उपलक्ष में पिथौरागढ़ जनपद द्वारा कालिदास के ग्रंथों में राजनीति चिंतन विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। वर्चुअल संगोष्ठी में राज्य के सभी जिलों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना व मंगलाचरण के गायन से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गौरव शास्त्री उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर शिवकुमार बरनवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। सारस्वत अतिथि के रूप में डॉक्टर बबीता कांडपाल उपस्थित रही। व्याख्यान के मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर मीरा द्विवेदी ने कहा कि संस्कृत ज्ञान विज्ञान की भाषा है इसका संरक्षण एवं संवर्धन करना हम सभी का परम कर्तव्य है। सहवक्ता के रूप में उपस्थित डॉक्टर नरेंद्र पांडे ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर कीर्ति वल्लभ शक्टा ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी संस्कृत भाषा के उन्नत विकास हेतु इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कराती है जो कि सराहनीय है।

कार्यक्रम के प्रमुख सूत्रधार डॉ हरीश गुरुरानी सहित सहित संस्कृत के विद्वान संस्कृत अनुरागी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जनपद सहसंयोजक रघुनाथ भट्ट ने किया एवं संगोष्ठी में जनपद संयोजिका डॉ. नीमा जोशी ने सभी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।