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पिथौरागढ़। लखनऊ निवासी वरिष्ठ साहित्यकार घनानन्द पाण्डेय “मेघ” के उपन्यास चट्टान सी स्त्री” और गीत संग्रह “गीत गंगोत्री” का विमोचन साहित्यकारों, संस्कृति कर्मियों एवं साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में कमल बारातघर पिथौरागढ़ में सम्पन्न हुआ। मूल रूप से देवलथल निवासी, कबीर पुरस्कार, जयशंकर पुरस्कार, साहित्य गौरवपुरस्कार,विक्टोरिया क्रॉस गजे घले पुरस्कार,शिव सिंह सरोज पुरस्कार सहित 50 से अधिक सम्मान प्राप्त मेघ की अब तक 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विमोचित पुस्तकों की समीक्षा करते हुए चिंतामणि जोशी ने कहा कि मेघ के गीतों में गेयता के साथ शब्दों की संदर्भ अनुकूल व्यंजना और अर्थ का गाम्भीर्य भी है।उनके उपन्यास में पहाड़ की स्त्री की चुनौतियों और जीवटता के साथ पहाड़ का लोकजीवन भी प्रतिबिम्बित हुआ है। अपनी रचना प्रक्रिया पर बात करते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि गीत- कविता लिखे नहीं जाते लिख जाते हैं। साहित्यकार यदि साहित्य को जीना सीख ले तभी वह जनोपयोगी साहित्य सृजित कर सकता है। मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार पंत ने श्री पांडेय की सृजन यात्रा को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि वर्तमान में साहित्य सृजन और साहित्य- संस्कृति और भाषा विमर्श को गंभीरता से लेने की जरूरत है।जनकवि जनार्दन उप्रेती जन्नूदा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों और कलाकारों के संगमन और निरंतर विमर्श से क्षेत्र का जनजीवन उत्कृष्टताऔर संस्कृति सभ्यता की ओर अग्रसर होती है। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ गुरुकुलानंद कच्चाहारी ने कहा कि रचनाकार सचेत होकर हित सहित जो लिखता है वह ही उत्कृष्ट साहित्य कहलाता है।
इस अवसर पर श्री घनानन्द पाण्डेय “मेघ” द्वारा भाषाविद डॉ परमानंद चौबे और लोक मर्मज्ञ पद्मादत्त पंत को अंगवस्त्र,पुष्पगुच्छ और भगवद गीता भेंट कर सम्मानित किया गया। उन्होंने डॉ सरस्वती कोहली, समाजसेवी प्रकाश जोशी, आशा सौन, कै0दीवान सिंह वल्दिया को भी अंगवस्त्र भेंट कर समानित किया। आयोजकों द्वारा कार्यक्रम को गीत -संगीतमय बनाने वाले नाद भेद संगीत अकादमी के रवि,जगदीश कुमार, गायक नवीन भट्ट एवं उद्घोषक नानू विष्ट को स्मृति उपहार देकर कृतज्ञता ज्ञापित की।
इस अवसर वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश भट्ट , नीरज चंद्र जोशी, डॉ प्रमोद श्रोत्रिय, नवीन गुमनाम, डॉ दीप चौधरी, गोविंद बिष्ट, लक्ष्मी वल्दिया,मथुरा दत्त चौसाली, गोपाल सती आदि ने अपने गीत- कविताओं का पाठ किया। कमल फर्नीचर हाउस के श्री कमल पुनेड़ा ने सम्मान स्वरूप सभी कलमकारों को कलम भेंट की।
मंच संचालक- रंगकर्मी विप्लव भट्ट, यशवंत महार, महेश बराल,भुवन उप्रेती,त्रिलोचन जोशी, दिलीप वल्दिया, हयात तड़ागी, अनीता बसेड़ा, बुद्धि बल्लभ पांडेय,संजय गुंज्याल, हिमालय मस्तक फाउंडेशन के बसंत भट्ट एवं बाल विकास परियोजनाधिकारी निर्मल बसेड़ा सहित तमाम लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।