पिथौरागढ़। विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो शंकर राज ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्ध करार देते हुए अभियुक्त को 20 वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
वर्ष 2022 में डीडीहाट क्षेत्र के एक गांव में रिश्ते के चाचा ने 14 साल की किशोरी को बहला फुसलाकर दुष्कर्म किया था। इससे वह गर्भवती हो गई थी। स्वास्थ्य उपकेंद्र में गर्भवती किशोरी पंजीकरण के लिए पहुंची। जब आधार कार्ड में उसकी उम्र 14 वर्ष आठ माह थी तो स्वास्थ्य उपकेंद्र की कर्मी ने राजस्व पुलिस को मामले की सूचना दी। इस मामले में किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी चंदन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366ए, 376 और पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। यह मामला न्यायालय में चला। इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो शंकर राज ने अभियुक्त चंदन कुमार को धारा 363 के लिए सात वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 366 ए के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। धारा 376 (2)(आई)(एन)(3) के अपराध के लिए 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर दोषसिद्ध को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माने की धनराशि में से 90 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के तौर पर दिए जाएंगे। मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत द्वारा की गई।