धारचूला। पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी के चीन सीमा के आदिकैलाश, ओम पर्वत सहित गुंजी, नाबी, रोकांग और कुटी को जोड़ने वाला वैली ब्रिज कुटी यांगती (नदी) का जलस्तर बढ़ने से नपलच्यू गुंजी को जोड़ने वाला पुल खतरें की जद में आ गया है। इसके कारण बीआरओ ने खतरे को देखते हुए वाहनों की आवाजाही बंद कर दी है।बीआरओ के 65 आरसीसी ग्रेफ के ओसी ले. कर्नल भावना वांडरे ने बताया की कनेक्टिविटी को सुचारू रखने के लिए कार्य किया जा रहा है। लगातार बारिश के कारण कार्य करने में दिक्कत हो रही है। मौसम ठीक होने पर दो दिन में वैली ब्रिज का कार्य पूरा हो जाएगा उसके बाद आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।ओसी ने बताया की वैली ब्रिज को मजबूत बनाने के लिए 10 फुट और बढ़ाया जा रहा हैबता दें कि इस बैली ब्रिज की लंबाई 130 फुट और क्षमता 24 टन है। यह पुल व्यास घाटी के चीन और नेपाल सीमा को जोड़ने वाली सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। यह पुल व्यास घाटी के पांच गांव नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रोंकांग और कुटी को जोड़ता है। साथ ही आदि कैलाश,ओम पर्वत यात्रा इसी पुल से संचालित होती है।गुंजी सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया की ये पुल सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने सरकार और बीआरओ से इसी जगह पर एक नये और मजबूत आरसीसी पुल का निर्माण कराए जाने की मांग की है। गुंज्याल ने बताया पिछले तीन दिन से व्यास घाटी में बारिश होने से आदि कैलाश से निकलने वाली कुटी यांगती और कालापानी से बहने वाली काली नदी उफान में है।