देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आगामी गर्मी के सीजन को देखते हुए देशभर के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ बैठक कर हीट वेव व उसे प्रभावी तरीके से निपटने की रणनीति पर चर्चा की। साथ ही विभिन्न राज्यों में हीट वेव से निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी की गई।

एनडीएमए मुख्यालय से ऑनलाइन संचालित बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन के साथ ही यूएसडीएमए के एसीईओ प्रशासन आनन्द स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ0 बिमलेश जोशी ने प्रतिभाग किया। बैठक में मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि देश के अधिकांश हिस्सों में इस साल तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार ने बताया कि इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक तापमान रहने की संभावना है। हीट सीजन की घोषणा कर दी गई है। मार्च, अप्रैल और मई में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इसके साथ ही हीट वेव के दिन भी अधिक रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक गर्मी पड़ने का अनुमान है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। बैठक में एनडीएमए के अधिकारियों ने गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में परिवर्तन करने तथा मनरेगा मजदूर तथा श्रमिकों के कार्य करने के लिए समय में परिवर्तन करने की सलाह दी, जिससे कि वह गर्मी के प्रकोप से बच सकें। इस दौरान अधिकारियों ने सभी राज्यों को हीट वेव एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। डॉ आकाश श्रीवास्तव, अपर निदेशक, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने बताया कि हीट वेव को देखते हुए सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है। इसमें हीट वेव से निपटने के लिए व्यापक कार्ययोजना तथा सुझावों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। साथ ही अस्पतालों में अलग से एक हीट स्ट्रोक रूम बनाने तथा एंबुलेंस में भी हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

हीट स्ट्रोक पीड़ित मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके, इसके लिए डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण देने, सभी स्वास्थ्य केद्रों में कूलिंग अप्लायंसेज की व्यवस्था करने, विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने, सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था करने, कुल रूफिंग सॉल्यूशंस को पायलट प्रोजेक्ट के तहत संचालित करने तथा प्रत्येक राज्य से एक हीट नोडल ऑफिसर की तैनाती करने को कहा।