देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में 112 नवचयनित परिवहन आरक्षियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 2 प्रचार वाहनों को भी रवाना किया। नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नव चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सफलता न केवल चयनित युवाओं के परिश्रम, अनुशासन और संकल्प का परिणाम है, बल्कि इसमें उनके परिवारजनों के सहयोग, त्याग और आशीर्वाद की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि परिवहन विभाग में परिवहन आरक्षी का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे यात्री सेवाओं का सुचारू संचालन हो, सड़क सुरक्षा की निगरानी हो, वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया हो या प्रदूषण नियंत्रण हो, प्रत्येक व्यवस्था में इनकी अहम भूमिका हैं। इसलिए आपकी यह नौकरी मात्र एक सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि परिवहन विभाग प्रदेश में सुगम और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
लेकिन हम सभी जानते हैं कि जैसे जैसे राज्य में वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी चिंताजनक बढ़ोत्तरी हुई है। इसलिए राज्य में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हमने फरवरी 2025 में “नई उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025” लागू की है। इस नीति के अन्तर्गत सभी संबंधित विभागों की जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ हमारे इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेंगे।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के योग्य, परिश्रमी और प्रतिभावान युवाओं को उनकी काबिलियत के आधार पर पारदर्शी तरीके से समान अवसर प्राप्त हों।
पारदर्शी तरीके से होने वाली भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। यह पारदर्शिता बेहतर तरीके से उन्हें प्रतियोगिता में उतरने के लिए प्रेरित करती है, हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है। पूर्व की सरकारों की और से भर्ती प्रक्रियाओं पर लगाये गए कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून” लागू किया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात प्रदेश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से सकुशल संपन्न हो रही हैं, इसी का नतीजा है कि हम पिछले 3 वर्षों में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रहे हैं।

