पिथौरागढ़। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित बसंती देवी को विभिन्न संगठनों ने शॉल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।समाजसेवी राम सिंह ने बसंती दीदी को पगड़ी पहनाई और तलवार भेंट की। बसंती दीदी यह सम्मान पाकर गदगद नजर आईं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान और अपने जनपदवासियों का यह प्यार उन्हें जीवन भर याद रहेगा।

रविवार को पिथौरागढ़ के रोडवेज वर्कशाप स्थित उनके आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि महज 12 वर्ष की उम्र में पति के निधन के बावजूद बसंती देवी ने हार नहीं मानी और लक्ष्मी आश्रम कौसानी से पढ़ाई कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य किया। उन्होंने सूखने की कगार पर पहुंच चुकी कोसी नदी को बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया। उनके प्रयासों से कोसी सहित तमाम छोटी नदियों को नया जीवन मिला। वक्ताओं ने कहा कि बसंती दीदी हमारी धरोहर है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए लिए एक सशक्त हस्ताक्षर है।

समाजसेवी जुगल किशोर पांडेय की पहल पर आयोजित सम्मान समारोह में राम सिंह बिष्ट, डॉ.गुरुकुलानंद कच्चाहारी, डॉ.उमा पाठक, डॉ.विपिन जोशी, डीएन भट्ट, मनोहर जेठी, डीएस भंडारी, सुभाष जोशी, जीबी नगरकोटी, जनार्दन उप्रेती, दीवान ‌सिंह, गजेंद्र बोरा, शिवराज सिंह अधिकारी, पीडी भट्ट, लीलावती जोशी, एलपी जोशी, भूपेंद्र सामंत, चंद्रशेखर भट्ट, बीबी भट्ट, देवसिंह नगरकोटी, अमरनाथ जुकरिया, नानू बिष्ट, गोकुल सौन आदि उपस्थित थे।