पिथौरागढ़। ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय समिति के निदेशक डॉ. पीतांबर अवस्थी ने नशामुक्त अभियान के तहत राइंका गौड़ीहाट में एक गोष्ठी का आयोजन कर छात्रों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों ने जीवन में नशापान न करने के संकल्प पत्र भी भरवाए गए।

गुरुवार को विद्यालय में आयोजित गोष्ठी में डॉ.पीतांबर अवस्थी ने कहा कि अज्ञानता के कारण कई छात्र नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं। छात्रों को बुराइयों से बचाने का दायित्व अभिभावकों और शिक्षकों का है। उन्होंने कहा‌ कि समय-समय पर मार्गदर्शन से किशोरों और युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य एनके पांडेय ने डॉ.अवस्थी की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से नशामुक्ति ‌अभियान चला रहे डॉ.अवस्थी की प्रेरणा से बड़ी संख्या में लोगों ने नशापान की लत छोड़ी है। इसी तरह के जागरूकता लाने वाले अभियान से युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में आने से बचेगी और नशामुक्त देश बन सकेगा। गोष्ठी में लीलाधर जोशी, एचडी पुजारी, दीपक चंद्र कोठारी, हेम चंद्र जोशी आदि ने विचार रखे।