पिथौरागढ़ 26 मार्च।
मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना (एमएसएसवीवाई) से जल्द ही सीमांत गांवों की तस्वीर संवरेगी। इस योजना के तहत सीमांत ब्लॉकों में बडे एवं अच्छे प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे। शनिवार को जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान की अध्यक्षता में क्लेक्टेट सभागार में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई। जिसमें सामुदायिक विकास की अच्छी योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत जनपद में धारचूला, मुनस्यारी, कनालीछीना, मूनाकोट ब्लॉकों को शामिल किया गया है। प्रत्येक ब्लॉक में प्रस्तावित करीब 3 करोड़ की धनराशि से सामुदायिक विकास के कार्य किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र निधि के अन्तर्गत इन विकासखंडों में हेचरी की स्थापना, मशरूम प्रोडेक्शन सेंटर, ऊन फैक्ट्री, मिल्क प्रोडेक्शन सेंटर के साथ ही अधिक से अधिक कृषकों को फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध करने का प्रस्ताव तैयार करें। सीमांत क्षेत्र में ट्रैकिंग रिवोल्यूशन के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। ताकि क्षेत्र के लोगों को लंबे समय तक इन योजना का लाभ मिल सके।
वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत पलायन आयोग द्वारा जनपद में विकासखंड बेरीनाग, गंगोलीहाट, कनालीछीना व मूनाकोट के पलायन प्रभावित 40 गांव चिन्हित किए गए है। इन गांवों में पलायन रोकने से लेकर स्वरोजगार सृजन पर कार्य किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पलायन प्रभावित गांवो में त्वरित स्वरोजगार वाली सामुदायिक योजना पर काम किया जाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, उद्यान, सिंचाई एवं शिक्षा विभाग को इन चिन्हित गांवों में आजीविका संवर्धन हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र इसका प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा इन गांवों में पाल्ट्री सेक्टर को प्रोमोट किया जाए। जिलाधिकारी ने योजनाओं के प्रस्ताव तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि जल्द से जल्द इन प्रस्तावों को शासन को भेजा जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, परियोजना निदेशक आशीष पुनेठा, रेखीय विभागों के सभी अधिकारी सहित वर्चुअल माध्यम से संबधित ब्लाकों के खंड विकास अधिकारी उपस्थित थे।