पिथौरागढ. परित्यक्त, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए जिले के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नई पहल शुरू की है।
सीमांत धारचूला के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र सिर्दांग निवासी 40 वर्षीय विधवा शकुंतला और 39 वर्षीय अविवाहित मनीष कुमार ने एक दूसरे का जीवन साथी बनने का निर्णय लिया तो गांव समाज के कुछ लोगों को नागवार लगा तो कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इनकी मदद का फैसला लिया। जिला मुख्यालय में धारचूला रोड स्थित मां कृपा बारात घर के स्वामी चंद्र शेखर पुनेड़ा ने निशुल्क बारात घर उपलब्ध कराया तो टकाना स्थित दुल्हन मेकअप स्टूडियो के मालिक मनोज पंत ने मेकअप का जिम्मा ले लिया। सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त होती चली गई और वैधव्य का जीवन जी रही शकुंतला के जीवन में रंग भर आए। इस विवाह समारोह को संपन्न करने में कार्ड उज्वला पुनर्वास केंद्र जाखनी के सचिव सुरेंद्र आर्य, नेहा पांडेय, हेमा कापड़ी, मुस्कान सामाजिक उत्थान समिति के अध्यक्ष जगदीश कलौनी, बबीता रावत, कला नगन्याल, बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी, मनरेगा लोकपाल विनीता कलौनी, नारायण सोराडी, अंजू खत्री, सीता सोराडी आदि ने सहयोग प्रदान किया। समारोह के दौरान आयोजित एक बैठक में वक्ताओं ने कहा कि दिव्यांग, परित्यक्त और वैधव्य का जीवन जी रही महिलाओं को भी सम्मान से जीने का अधिकार है और भविष्य में ऐसी महिलाओं को आपसी सहयोग से समाज की मुख्यधारा में लाया जाएगा।