पिथौरागढ़। यदि आपको आदि कैलाश या ओम पर्वत के दर्शन करने हैं तो अब तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और घर बैठे ही इनर लाइन परमिट बन जाएगा। इसके लिए आवेदक को
pass.pithoragarh.online पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
भारत चीन सीमा पर छियालेख को इनर लाइन बनाया गया है। इनर लाइन से आगे जाने के लिए परमिट की जरूरत होती है। आदि कैलाश और ओम पर्वत व्यास घाटी में स्थित है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक इन स्थलों में जाते हैं। व्यास घाटी के सात गांव के लोगो को छोड़कर अन्य जगहों के साथ ही देश विदेश से आने वाले लोगो को छियालेख से आगे जाने के लिए इनर लाइन पास की जरूरत होती है। परमिट मिलने के बाद अन्य जगहों के लोग ओम पर्वत, आदि कैलाश, पार्वती सरोवर सहित अन्य पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल की यात्रा कर सकते हैं।
उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुंजी में आयोजित माउंटेन साइकिल रैली के उद्घाटन अवसर पर ऑनलाइन इनर लाइन परमिट का शुभारंभ किया था। स्थानीय प्रशासन द्वारा एक मई से ऑफलाइन इनर लाइन परमिट जारी करना शुरू किया था।
अभी तक ऑनलाइन की व्यवस्था नहीं होने पर पर्यटकों को ऑफलाइन परमिट ही बनाना पड़ता था। इसमें धारचूला तहसील पहुंचकर आवेदन करना होता था और जांच के बाद ही इनर लाइन परमिट जारी होता था। अब इनर लाइन परमिट की ऑनलाइन व्यवस्था होने से देश के किसी भी कोने से व्यक्ति इनर लाइन परमिट के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन के साथ व्यक्ति को अपना एक परिचय पत्र और मेडिकल फिटनेस का प्रमाण पत्र देना होगा। तहसील प्रशासन जांच के बाद इनर लाइन परमिट जारी करेगा। ऑनलाइन इनर लाइन पास की व्यवस्था से पर्यटकों को आवेदन करने और परमिट लेने के लिए तहसील कार्यालय नहीं आना पड़ेगा। यह सुविधा शुरू होने से देश के तमाम क्षेत्रों से पर्यटक परमिट के लिए आवेदन करने लगे हैं। इस व्यवस्था से सीमांत धारचूला क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के बढ़ने की उम्मीद है। इस साल अब तक प्रशासन द्वारा ऑफलाइन 2641 इनर लाइन परमिट जारी किए जा चुके हैं।