दिल्ली। अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बीच तीनों सेनाओं ने साझा बयान में साफ कर दिया है कि योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निवीरों को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। इसके साथ ही देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
वहीं, अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में ट्रेन सेवाएं बाधित रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई कथित फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई है और अन्य कई घायल हैं। वहीं, पटना के तारेगाना रेलवे स्टेशन पर आगजनी करने वालों ने पुलिस के एक वाहन को भी आग लगा दी है।सेना ने साफ कर दिया कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरीस ने कहा कि फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना किसी को एंट्री नहीं मिलेगी। इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें। दिसंबर के अंत तक अग्निवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह एक ऑनलाइन सिस्टम है। उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होखा। अग्निपथ योजना पर हो रहे प्रदर्शन पर लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी के कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं।