धारचूला(पिथौरागढ़)। दारमा घाटी के ग्राम दांतू में प्रत्येक 8 साल बाद होने वाली पूजा के तहत पहले दिन हल्की बूंदाबांदी के साथ ह्या गबला देव की पूजा बड़े धूमधाम से मनाया गया।
गांव के युवा 7 किलोमीटर दूर पैदल चलकर ग्राम बालिंग के बुग्याल से आलम (पवित्र वृक्ष) को लेने गए और वापसी में ग्राम बालिंग और सोन दुग्तु के ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत करते हुए जलपान चाय नास्ते कराने के बाद शुभकामनाएं देते हुए बिदा की। ग्राम दांतू के महिला और पुरुषों ने अपने पारम्परिक वेशभूषा में आलम ला रहे युवाओं का स्वगत किया। ग्राम दांतू के युवाओं ने अपने अपने कंधों पर आलम को उठाकर हया गबला देव के प्रांगण में जयकारे के साथ स्थापित किया। ततपश्चात पुजारी नैन सिंह दताल और बछुवा दताल ने विधिवत पूजा अर्चना करने के साथ सभी लोगो के लिए खुशहाली की प्रार्थना की। और सभी लोगो ने अपने दिया बत्ती की और घण्टियाँ चढ़ाकर अपनी अपनी मन्नते मांगी। ह्या गबला देव की पूजा अर्चना के सभी महिला और पुरुषों ने कीर्तन भजन की। सभी ग्राम वासियो के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।
ग्राम प्रधान जमन सिंह दताल ने बताया कि ह्या गबला देव पूजा के बाद अठवान पूजा, रणचिम देव की पूजा के साथ साथ क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। चंडीगढ़ में कार्यरत आईएएस अधिकारी लोकेश दताल और दिल्ली में तैनात आरएएफ 103 बटालियन के कमाडेंट धर्मेंद्र सिंह दताल भी अपने परिजनों के साथ अपने गांव दांतू अठवान पूजा में शामिल होने पहुँचे है। उन दोनों ने बताया कि बुजुर्गों द्वारा वर्षो से मनाई गई कुंभ और अर्धकुंभ आदि पूजा का आयोजन कराने का मुख्य उद्देश्य दूर दराज में रह रहे लोगो मे आपसी भाईचारा बढ़ाना और एक दूसरे की समस्याओं को साझा करना है। देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत कर्मचारी भी पूजा में शामिल होने पर काफी खुशी जाहिर कर रहे है। गांव में काफी चहल पहल बनी है।