पिथौरागढ़। देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की कलाइयों पर बच्चों द्वारा तैयार ऐपण की कालकृतियों वाली राखियां सजेंगी। घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के बच्चों द्वारा बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए हाथ से राखियां बनाई जा रही हैं।
संस्था की तरफ से पूजा भट्ट के मार्गदर्शन में संस्था के 40 से अधिक बच्चे इस बार बॉर्डर पर तैनात 55000 से अधिक सैनिकों के लिए हाथों से सुंदर राखियों का निर्माण कर रहे हैं। पिछले 6 सालों से अब तक 3 लाख से अधिक सैनिकों की कलाइयों पर संस्था के बच्चों द्वारा बनी राखियां सज चुकी हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी , राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और उत्तराखंड के राज्यपाल भी संस्था की इस पहल की सराहना कर चुके हैं।
संस्था अध्यक्ष अजय ओली कहते हैं कि इस रक्षा बंधन संस्था के बच्चों द्वारा ऐपण की राखियां खास रूप से बनाई जा रही हैं जो संस्कृति को संरक्षित भी करेगी और पहाड़ की प्रमुख कला ऐपण को बड़ावा भी देगी। इसके साथ ऊन, जूट और पिरुल से भी राखियों का निर्माण किया जा रहा है।
हाथ से बनी इन राखियों की डिमांड विदेशों से भी आने लगी हैं। आज संस्था द्वारा अपना पहला ऑर्डर स्पेन की नूरिया कैलाश के लिए भेजा गया। नूरिया ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने राखियां ली और वह इस तरह संस्था की सहायता करती हैं और उन्हें अच्छा लगता है। कोई अभी भी इस तरह से संस्कृति और हाथ से बनी चीजों पर मेहनत कर रहा है यह अच्छी बात है।
संस्था अध्यक्ष ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी वह जवानों की सुरक्षा और खुशाल भविष्य की कामना के साथ जम्मू कश्मीर, पंजाब , राजस्थान और असम के बॉर्डर्स पर जवानों के लिए राखियां भिजवाएंगे और इसके साथ ही इन हाथ से बनी राखियां की प्रदर्शनी भी पिथौरागढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में लगाई जाएगी। जहां से लोग भी इन्हें खरीद पर संस्था की सहायता कर सकते हैं और साथ ही सांस्कृतिक ऐपण और पिरूल से बनी राखियां को बढ़ावा दे सकते हैं।
देखें वीडीओ: ऐसे बनाते हैं बच्चे राखियां