उत्तरकाशी। ‌विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने बेटी से द़ुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी पिता को ढाई साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामले के अनुसार 19 मार्च 2020 को रात्रि के समय नाबालिग अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी। इसी दौरान उसके पिता शराब के नशे में उसके कमरे में आए और कमरे की कुंडी बंद कर उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। कमरे में मौजूद उसके दो छोटे भाई जब यह देखकर चिल्लाने लगे तो पिता ने दोनों को दूसरे कमरे में बंद कर दिया। बच्चों की चिल्लाने की आवाज सुनकर रसोई में खाना बना रही उसकी मां बाहर आई और किसी तरह कमरे का दरवाजा खोला। बीच बचाव करने पर पिता ने मां के साथ भी मारपीट की। इस पर मां व नाबालिग पीड़िता घर से भागकर जंगल में चले गए और रात भर जंगल में रहे।
21 मार्च 2020 को वन स्टॉप सेंटर उत्तरकाशी में नाबालिग पीड़िता और उसकी मां ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया। 28 मार्च को पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि पुलिस ने 16 मई 2020 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। बचाव व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला ने दोष सिद्ध करते हुए अभियुक्त पिता को ढाई वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड न देने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।