धारचूला(पिथौरागढ़)। आजादी के 75 साल बाद दारमा घाटी के चीन सीमा पर 11 हजार की ऊंचाई ने बसे ग्राम तिदांग में मंगलवार को जियो का संचार सेवा शुरू हो गया है। ग्राम तिदांग के ग्रामीणों ने अपने गांव से निचली घाटियों में बसे अपने-अपने परिजनों को फोन करके मोबाइल सेवा शुरू होने की सूचना दी और आपस में खुशी बांटी।
ग्राम प्रधान तिदांग दिया तीतियाल ने बताया कि मोबाइल सेवा शुरू हो जाने पर अब किसी भी प्रकार की आपातकाल में लोग प्रशासन और अपने परिजनों को  आसानी से सूचना दे सकते हैं। तिदांग में मोबाइल फोन सेवा शुरू हो जाने पर स्थानीय लोगों के साथ साथ सीमा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मचारी भी अब अपने परिजनों से फोन पर बात कर सकेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता रूप सिंह तीतियाल ने बताया कि दारमा घाटी के उच्च हिमालयी तीन गांव सोबला, बोगलिंग और तिदांग में मोबाइल फोन सेवा शुरू हो गयी है, जो दारमा घाटी के लोगो के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अब लोगों को आपदा या अन्य कोई भी इमरजेंसी पर 60 किलोमीटर दूर तहसील कार्यालय आकर सूचनाएं देने की जरूरत नहीं होगी।
दारमा घाटी के विषम परिस्थितियों में मोबाइल फोन सेवा देने के लिए ग्रामीणों ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जियो के अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार प्रकट किया। रूप सिंह तीतियाल ने बताया कि ग्राम तिदांग में लगे मोबाइल टावर का सिग्नल ग्राम मारछा, सीपू, और गो में आने से उन लोगो को फोन की सुविधा मिल रही है।
 हर साल माइग्रेशन जाने वाले 90 वर्षीय गणेश सिंह तीतियाल ने कहा कि सरकार ने दारमा घाटी में सड़क और मोबाइल फोन सेवा दारमा घाटी दुर्गम जैसे गांवों में पहुंचा दिया है। उन्होंने सरकार का आभार प्रकट करते हुए मांग की है माइग्रेशन के 6 माह के दौरान कम से कम फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जाय जिससे कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आने पर ग्रामीणों को राहत मिल सके।

जियो के एरिया मैनेजर प्रवीण शर्मा ने बताया कि तिदांग  के बाद ग्राम बालिंग में मोबाइल टॉवर का कार्य लगभग पूरा हो गया जो एक हप्ते में बालिंग में भी सिग्नल शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्राम बौन और अंतिम गांव सीपू में  हमारे इंजीनियर आदित्य विक्रम की टीम मोबाइल टॉवर का कार्य कर रहे  है। एक दो महीने के भीतर काम पूरा हो जाएगा। व्यास घाटी में गुंजी, कुटी, बुदि में मोबाइल टॉवर के लिए जमीन का एग्रीमेंट हो गया है। वहां भी शीघ्र कार्य शुरू हो जाएगा।