पिथौरागढ़। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों की पर्यावरणीय योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में शुक्रवार को पिथौरागढ़ स्थित विकास भवन सभागार में डीएम डॉ आशीष चौहान की अध्यक्षता में एक दिवसीय परामर्शी कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जिले में ठोस एवं बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन को वैज्ञानिक तरीके से किये जाने को लेकर अपने सुझाव रखे। वहीं भविष्य में जिले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं एयर मॉनिटरिंग स्टेशन नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ में लगाने से संबंधित चर्चा की।कार्यशाला में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे सी कुनियाल ने बताया कि एनजीटी के निर्देश पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा राज्य के सभी जिलों की पर्यावरणीय योजना बना रहा है। इसके तहत ठोस, प्लास्टिक, बायो मेडिकल एवं अन्य अपशिष्ठ का प्रबंधन भविष्य में वैज्ञानिक तरीके से कैसे किया जाए, इस पर प्रत्येक जिले की एक पर्यावरणीय योजना तैयार होनी है, जो कि ड्राफ्ट के रूप में पूर्ण हो चुकी है। जिले की पर्यावरण योजना को अन्तिम रूप दिये जाने से पूर्व जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा कर सुझाव मांगे जा रहे हैं। वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल ने माइक्रोबियल कंपोस्टिंग के माध्यम से गीले कचरे की खाद बनाने के सम्बन्ध में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी। श्री कुनियाल ने कहा कि जल्द ही चर्चा किए गए बिंदुओं को पिथौरागढ़ की जिला पर्यावरण योजना में सम्मिलित करने के बाद जिले की पर्यावरण योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल ने भी वर्चुअली यह संदेश दिया कि पिथौरागढ़ जिले की पर्यावरणीय योजना हर दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे वह सीमा की दृष्टि से हो या सांस्कृतिक दृष्टि से। नेपाल जो हमारा एक पड़ोसी मित्र राष्ट्र है ,उसकी एवं हमारी सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय विशेषताएं लगभग समान है। यह पर्यावरणीय योजना हमारी एवं पड़ोसी देश नेपाल की सांस्कृतिक विरासत एवं पर्यावरणीय संतुलन को बनाने में एक सुदृढ़ भूमिका निभाएगी।   कार्यशाला में डीएफओ कोको रोशे, पीडी डीआरडीए आशीष पुनेठा, डीडीओ रमा गोस्वामी, सीएमओ एचएस हंयांकी, उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य, ईओ  दीपक गोस्वामी आदि उपस्थित थे।