पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ के चचरेत गांव में ढाई साल की बच्ची को निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ 29 दिन बाद पिंजरे में कैद हो गया है। तेंदुए के पिंजरे में कैद होने के बाद ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग ने राहत महसूस की हैं। चचड़ेत गांव में 17 सितंबर को घर के आंगन में मां पीठ से ढाई साल मासूम भारती मेहरा को तेंदुआ उठा कर ले गया था।
शुक्रवार देर रात वन विभाग के लगाए पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया था। ग्रामीणों ने बताया कि पिंजरे की तरफ से आ रही दहाड़ की आवाज सुनकर पहले तो लोग डर गए। दबे कदमों से पिंजरे के करीब पहुंचे तो तेंदुए को पिंजरे में फंसा देखा। इसकी सूचना वन विभाग को दी। गश्त कर रही वन विभाग की टीम ने पिंजरे को कब्जे में ले लिया। रेंज अधिकारी चंदा मेहरा ने बताया तेंदुए की उम्र सात से आठ साल के करीब है। चिकित्सा जांच के बाद उसे रेस्क्यू सेंटर छोड़ा जाएगा। एसडीओ ज्वाला प्रसाद ने बताया कि तेंदुए का मेडिकल परीक्षण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वस्थ है। तेंदुए को उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद छोड़ा जाएगा। फिलहाल तेंदुए को निगरानी में रखा गया है। इस दौरान शुभम पाठक, हयात सिंह रावत, राजेंद्र सिंह कार्की, दिनेश सिंह चौहान, गौरव सिंह, देव सिंह, दान सिंह आदि उपस्थित रहे।