हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय औषधि निर्माणशाला हरिद्वार के सभागार में निर्माण चिकित्साधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय के संयोजन में धन्वंतरि जयंती और आयुर्वेद दिवस के दौरान पूजन, यज्ञ और गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस अवसर पर सभी के निरोग व सुस्वास्थ्य की कामना के लिए पंडित आनंद द्वारा पूरे विधि विधान के साथ सर्वप्रथम भगवान धन्वंतरि जो आरोग्य और समृद्धि प्रदाता हैं, का पूजन किया गया उसके पश्चात भव्य यज्ञ का आयोजन किया गया। भगवान धन्वंतरि को हवन में आहुतियां समर्पित की और पूरा फार्मेसी परिसर भगवान धन्वंतरी के मंत्रों से गुंजायमान हो गया। धन्वंतरि पूजा और यज्ञ के पश्चात राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिस का संचालन डॉ अवनीश उपाध्याय द्वारा किया गया। गोष्ठी में फार्मेसी अधीक्षक डॉ संदीप कटियार ने कहा कि जब एलोपैथी नहीं थी, तब भी रोगों का उपचार आयुर्वेद के माध्यम से किया जाता था, और आज भी संपूर्ण विश्व अपने इलाज के लिए आयुर्वेद की तरफ ही देख रहा है, इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है, इसलिए इसकी महत्ता सदैव बनी रहेगी। निर्माण चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस के दिन मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है, भगवान धन्वंतरि ही आयुर्वेद को इस धरती पर लाए और उनके ही वंश के दिवोदास महाराज धनवंतरी ने प्रथम आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की, काशी में स्थित इसी विश्वविद्यालय के आचार्य महर्षि सुश्रुत बने, जो सर्जरी के महान ज्ञान को इस धरती पर लाए और शल्य क्रिया के प्रथम प्रवर्तक बने। हर्बल चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि भगवान धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। के के तिवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने इलाज व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य, संतुलित अनुशासित जीवन शैली का पर्याय आयुर्वेद है। कार्यक्रम के संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजेश गुप्ता ने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। बेहतर स्वास्थ्य और आत्मिक प्रसन्नता का मर्म छिपा होने के कारण ही संपूर्ण विश्व आयुर्वेद को अपना रहा है। स्टोर प्रभारी अजयवीर सिंह नेगी ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितने हजारों वर्ष पहले थे। विक्की सहगल ने कहा कि आयुर्वेदिक औषधियां न केवल बीमारियां रोकने और ठीक करने में सक्षम है बल्कि रोग के पश्चात होने वाली जटिलताओं के प्रबंधन में भी अत्यंत गुणकारी सिद्ध हुई हैं। अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ अवनीश उपाध्याय ने कहा कि हम समस्त फार्मेसी के कार्मिक भगवान धन्वंतरि के आरोग्य प्रदान के मंत्र के सच्चे संवाहक हैं और समाज में गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक औषधियों का सतत उत्पादन कर आपूर्ति कर रहे हैं, इसके लिए सभी कार्मिक बधाई के पात्र हैं और आगे भी भगवान धन्वंतरि की कृपा से इसी तरह समाज हित का कार्य करते रहेंगे। इस अवसर पर विभिन्न लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में रामकुमार, दाताराम, अमन कुमार, अनारा देवी, अशोक कुमार, सुदेश कुमार, प्रिंस कुमार, सुरेंद, महेंद्र सिंह नेगी, अमित कुमार, पंकज कुमार, सुरेश आदि उपस्थित रहे।