पिथौरागढ़: विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर जिले के यशश्वी एवं चर्चित बाल साहित्यकार इंजी. ललित शौर्य को देवभूमि शिक्षा केन्द्र, अपहिल कम्प्यूटर एवं आइटीडीए के संयुक्त तत्त्वाधान में बाल प्रेरक सम्मान से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम देवभूमि शिक्षा केन्द्र के सभागार में आयोजित किया गया ।
इंजी.ललित शौर्य लंबे समय से साहित्य लेखन कर रहे हैं। उनको अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। शौर्य की अब तक 19 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिसमें से 12 किताबें बाल साहित्य की हैं। इंजी. ललित शौर्य की कविताएं, लघुकथा, व्यंग्य, प्रेरक लेख देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित होते रहते हैं। ललित शौर्य की रचनाएं दस से अधिक भारतीय भाषाओं में अनुदित हो चुकी हैं। हिंदी अब्रॉड, हम हिंदुस्तानी समेत अनेक विदेशी पत्रिकाओं में भी उनकी रचनाएं प्रकाशित हो रही हैं।
देवभूमि शिक्षा केन्द्र के निदेशक साहित्यकार नीरज जोशी ने कहा कि इंजी.ललित शौर्य बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ी को उनके द्वारा श्रेष्ठ बाल साहित्य उपलब्ध कराया जा रहा है। शौर्य उत्तराखंड के एकमात्र ऐसे साहित्यकार हैं जो बच्चों को पुस्तकें भी वितरित कर रहे हैं। इनका मोबाईल नहीं, पुस्तक दो अभियान खासा लोकप्रिय हो रहा है। जिसके अंतर्गत अब तक पच्चीस हजार से अधिक पुस्तकें बच्चों को वितरित की जा चुकी हैं।इसी को ध्यान में रखते हुए इंजी. ललित शौर्य को बाल प्रेरक सम्मान देने का निर्णय लिया गया।
अपहिल कम्यूटर एवं आइटीडीए के सेन्टर हेड जीवन चन्द्र लोहनी ने कहा कि इंजी. ललित शौर्य निरन्तर साहित्य लेखन के माध्यम से पिथौरागढ़ को गौरवान्वित कर रहे हैं। इनको मिलने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार सीमांत जनपद के लिए उपहार से कम नहीं हैं। इंजी. शौर्य एक अच्छे वक्ता हैं। इनके उद्बोधन से युवाओं में ऊर्जा का संचार होता है।
इंजी. ललित शौर्य ने देवभूमि शिक्षा केन्द्र एवं अपहिल कम्यूटर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान हमारी हिंदी का सम्मान है। हमें आज हिंदी के वैश्विक प्रभाव को देखकर प्रसन्नता होती है। हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। इस अवसर पर अपहिल कम्यूटर की निदेशक दमयंती लोहनी, चीफ फैकल्टी बंशीधर, मुस्कान लोहनी, मनीषा, आशीष, तनीषा, अनुज आदि उपस्थित थे।