बागेश्वर। गरुड़ तहसील की गोमती घाटी के दूरस्थ जंगल में स्थित अंग्यारी महादेव के पुजारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। सूचना पर मौके पर पहुंची राजस्व पुलिस टीम ने चार दिन बाद जंगल से उनका शव बरामद किया। राजस्व पुलिस क्षेत्र पिंगलों के अंतर्गत मजकोट गांव की ऊपरी पहाड़ी में घने जंगल के बीच स्थित अंग्यारी महादेव मंदिर जन-जन की आस्था का प्रतीक है। यहां वर्षों से निर्वाणी गिरी महाराज रहते थे। इस बीच वे बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने गए थे। दो दिन पहले वे कर्णप्रयाग से एक बस द्वारा यहां लौटे और ग्वालदम से पैदल मंदिर की ओर चल दिए। लेकिन मंदिर नहीं पहुंच पाए। कुछ ग्रामीणों ने पुजारी का शव मंदिर से कुछ दूर जंगल की एक पहाड़ी पर देखा और राजस्व पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार प्राची बहुगुणा, राजस्व उप निरीक्षक रघुवीर सिंह, युवराज गोस्वामी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और पुजारी का शव बरामद किया। राजस्व उप निरीक्षक रघुवीर सिंह ने बताया कि शव बरामद कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा है। कुछ लोगों से पूछताछ की गई है। जांच के बाद ही मृत्यु के असली कारणों का पता लग पाएगा। मजकोट के ग्राम प्रधान मदन मोहन गुसाई ने शीघ्र पुजारी की मौत का खुलासा करने की मांग की है।