बागेश्वर। मानवता को शर्मसार करते हुए 12 वर्ष की बालिका से दुराचार का प्रयास करने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग को विशेष न्यायाधीश एसएमडी दानिश ने नौ वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी को 15 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। वर्तमान में आरोपी जिला कारागार अल्मोड़ा में बंद है।
मामला दिसंबर 2020 का है। 13 दिसंबर को कपकोट क्षेत्र के एक गांव की बालिका घास काटने के लिए अपने खेत में गई थी। आरोपी बुजुर्ग खुशाल सिंह निवासी भूलगांव, कपकोट भी उसके पीछे-पीछे खेत में चला गया। उसने बालिका को पैसों का लालच दिया और उससे छेड़छाड़ करने लगा। बुजुर्ग की हरकतों से घबराई बालिका भागकर अपने घर चली गई, लेकिन उसने अपनी मां को कुछ नहीं बताया। इस बीच गांव की कुछ महिलाओं को इस बात की जानकारी हुई तो पीड़िता की मां से बेटी की देखभाल सही ढंग से करने को कहा। महिलाओं की बातों से पीड़िता की मां को शक हुआ और उसने अपनी बेटी से घटना के बारे में पूछताछ की। मां के पूछने पर पीड़िता ने सारी आपबीती बताई। मामले की जानकारी होते ही पीड़िता की मां ने आरोपी के घर जाकर इस बारे में बात की तो वह भड़क गया और गालीगलौज करते हुए लड़ने लगा।
16 दिसंबर को पीड़िता की माता ने कपकोट थाने में आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान कराए तो उसने बताया कि आरोपी बुजुर्ग उसके साथ दुराचार का प्रयास कर रहा था। पीड़िता के बयान के बाद विवेचक एसआई सुरभि राणा ने आरोपी के खिलाफ धारा 354 क, 354 घ, 504, 376/511 और पॉक्सो अधिनियम के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया। विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने न्यायालय में पैरवी करते हुए सात गवाह प्रस्तुत कराए। गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को धारा 354 क में नौ वर्ष के कठोर कारावास, 354 घ में तीन वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड, 376/511 में सात हजार का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये का अर्थदंड, 504 में दो वर्ष का कठोर कारावास और पॉक्सो एक्ट में सात साल के कठोर कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।