पिथौरागढ़. जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान ने सोमवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित ”कैच द रेन कैंपेन” के तहत जनपद में वर्षा जल संरक्षण कार्यो की प्रगति समीक्षा की। जिसमें सभी रेखीय विभागों को मानसून से पूर्व वर्षा जल संचय हेतु आवंटित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने कहा कि ‘कैच द रैन अभियान जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय जल मिशन का राष्ट्रव्यापी अभियान है। जिसमें वर्षा जल को संरक्षित करने पर फोकस करते हुए कार्य किए जाने है। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को निर्देशित किया कि वर्षा जल संचय के लिए संचालित कार्यो को शीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें। वाटरशैड डेवलपमेंट के तहत वाटर हार्वेस्टिंग बाडी बनाने के लिए विभागीय एक्सपर्ट्स को शामिल करते हुए वैज्ञानिक तरीके से प्लान तैयार करें। जल संचय करने से जुड़े कार्य जैसे ग्रे वाटर हार्वेस्टिंग, ग्राम पंचायतों में वाटर सेड विकास के लिए वर्कशॉप, सरकारी भवनों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण, नौले धारों का जीर्णोद्धार, पोखरों की सफाई और सोकपिट निर्माण, रामगंगा की सफाई, जल संचय के लिए वैज्ञानिक पद्धति आदि कार्य आपसी समन्वय के साथ किए जाए। मानसून अवधि में ब्लाक स्तर पर ठोस योजनाओं के साथ कैच द रेन कार्यो को बेहतरीन प्लान के साथ आगे बढाया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी सरकारी भवन निर्माणाधीन है, उनमें अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेन हार्वेस्टिंग की जाए। इसके अलावा सभी बडे सरकारी भवनों की छतों पर भी रेन हार्वेस्टिंग का प्रस्ताव तैयार किया जाए। जन समुदायों को भी जागरूक करते हुए जल संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाए। जिलाधिकारी ने डीडीओ निर्देशित किया कि सभी बीडीओ से एक सप्ताह के भीतर जल संरक्षण कार्यो का जीआईएस कार्डिनेट लेकर उपलब्ध करें। ऐसा न करने पर संबधितो के वेतन आहरण पर रोक लगाई जाए। बैठक में नेहरु युवा केन्द्र अधिकारी के उपस्थित न रहने पर उनको कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।

बैठक में डीएफओ कोको रोसो, डीडीओ रमा गोस्वामी सहित जल निगम, जल संस्थान, सिंचाई, पंचायती राज आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।