पिथौरागढ़। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की संध्या पर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के निर्देशन एवं जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी पिथौरागढ़ चंद्रकला भैसोड़ा, डॉ अवनीश उपाध्याय के मार्गदर्शन में नमामि गंगे के तहत शिव मंदिर थल के पवित्र राम गंगा नदी के तट पर डॉ प्रमोद कुमार भैसोड़ा और स्थानीय जनता द्वारा गंगा आरती और दीपोत्सव का आयोजन किए गया।आजादी के 75 अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की संध्या पर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के निर्देशन में आयुष विभाग और नमामि गंगे के तहत सांय काल को पिथौरागढ़ फोर्ट और विभिन्न घाटों पर भव्य दीपोत्सव के साथ योग संध्या का आयोजन किया गया। योग दिवस की संध्या पिथौरागढ़ फोर्ट को दीपों से रोशन किया गया, इस अवसर पर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल ने कहा है कि योग स्वस्थ, तनावमुक्त और अनुशासित जीवन जीने की एक शैली है। इसकी साधना मूल रूप से शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है। इससे शारीरिक शक्ति के साथ हमें आंतरिक और भावनात्मक मजबूती भी मिलती है। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ चंद्रकला भैसोड़ा ने कहा है कि योग भारत की प्राचीन परंपरा है. हमारे ऋषि-मुनियों ने इसके महत्व को बहुत पहले से ही जान लिया था। हालांकि, आज पूरा विश्व योग का महत्व समझ रहा है। नोडल अधिकारी डॉ अवनीश उपाध्याय ने कहा संयुक्त राष्ट्र संघ के आव्हान पर अब हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है। आयुष मंत्रालय ने इस साल की थीम ‘मानवता के लिए योग’ (योग फॉर ह्यूमनिटी) पर रखी गयी है। योग समन्वयक रुचिता उपाध्याय ने कहा कि कोरोना काल में योग की प्रासंगिकता को बडे़ पैमाने पर लोगों ने पहचाना। ऐसे में सभी नागरिकों से योग को अपनाने का आह्वान करते हुए रुचिता ने कहा कि इसे नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इससे आपके जीवन में पॉजिटिविटी आएगी। इससे तन-मन से चुस्त-दुरुस्त रहकर ही हम गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपने को तेजी से साकार कर सकते हैं। निकट शिव मंदिर थल के पवित्र राम गंगा नदी के तट पर गंगा आरती और दीपदान का आयोजन किए गया जिसका नेतृत्व डॉ प्रमोद कुमार भैसोड़ा ने किया। आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र बलुवाकोट के डॉ राकेश खाती सहित समस्त कर्मचारी अधिकारी, सीमा सुरक्षा बल के जवान, नेपाल प्रहरी और गणमान्य व्यक्तियों के और बच्चों के साथ महाकाली के घाट पर योगोत्सव के साथ दीपोत्सव का आयोजन किया गया। डॉ नरेंद्र सिंह द्वारा बंगापानी सेरा जल स्रोत पर दीपोत्सव का आयोजन किया। इसके साथ ही पिथौरागढ़ के विभिन्न घाटों और संगम पर योग के साथ दीपोत्सव का आयोजन किया गया।