पिथौरागढ़। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के बाद एक मूक बधिर महिला के नवजात शिशु की तबियत बिगड़ गई। शिशु को हायर सेंटर रेफर किया गया जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। हंगामा बढ़ता देख पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर मूक बधिर की शादी करने को लेकर सवाल उठाने का आरोप भी लगाया है। महिला की मां का कहना है उनकी बेटी इशारों में अपने बच्चे के बारे में पूछ रही है उसे क्या जवाब दूं। सीएमओ ने मामले में जांच करने की बात कही है।
मामले के अनुसार तीन दिन पूर्व आठ जुलाई को डीडीहाट के लखतीगांव निवासी रविंद्र कुमार की मूक बाधिर पत्नी तनुजा को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद परिजन उसे प्राइवेट वाहन से जिला महिला अस्पताल लेकर आए। नौ जुलाई को दोपहर 12.58 बजे सामान्य प्रसव हुआ। महिला ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। महिला के परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने अचानक बच्चे की तबियत खराब होने के बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। जहां नवजात की मौत हो गई। महिला के परिजनों का आरोप है कि प्रसव पीड़ा के दौरान तनुजा को इंजेक्शन लगाए गए थे जिसके बाद पेट में ही शिशु की हालत बिगड़ गई थी। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन लगाने के बाद तनुजा ने उल्टियां कर दी थी। परिजनों ने जिला प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।परिजनों का कहना है कि स्टाफ के कुछ लोगों ने मूक बधिर की शादी क्यों की जैसा सवाल उठाया गया जिससे वह सभी आहत हैं। इस मामले में पीएमएस डॉ.जेएस नबियाल का कहना है कि मां के पेट का गंदा पानी शिशु के पेट में चला गया था जिससे उसे रेफर करना पड़ा। प्रसव पीड़िता के परिजनों की ओर से अभद्रता का जो आरोप लगाया जा रहा है उसकी जांच सीएमओ के निर्देश के अनुसार की जाएगी। सीएमओ डॉ.एचएस ह्यांकी का कहना है कि इस मामले में पीएमएस को जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए जाएंगे।