पिथौरागढ़। वरिष्ठ पत्रकार भक्त दर्शन पांडेय के कविता संग्रह “मां तुम कब सुस्ताती” का रविवार को नगर पालिका सभागार में विमोचन किया गया।

वरिष्ठ साहित्यकार एवम शिक्षक महेश पुनेठा ने कविता संग्रह पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भक्त दर्शन की कविताएं गहरे अनुभवों से जुड़ी हुई है। कविताओं में सूक्ष्मता से संवेदना और सौंदर्य का शानदार सम्मिश्रण है। कविताएं अपने समय और समाज को लेकर तमाम प्रश्न खड़े करती है। संग्रह की कुछ कविताएं मानवीय मूल्यों को बचाने की अपील करते हुए प्रतीत होती है। साहित्यकार चिंतामणि जोशी ने कहा कि भक्त दर्शन की कविताओं में पहाड़ की स्त्री की पीड़ा दिखती है उनकी कविता मां के बहाने महिला का पूरा संघर्ष और त्याग सामने आता है।

महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ सरोज वर्मा, डॉ. वसुंधरा उपाध्याय ने भक्त दर्शन को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी कविताएं समाज का मार्गदर्शन करेंगी। कुमाऊनी साहित्यकार डॉ सरस्वती कोहली ने कविता संग्रह को संग्रहणीय बताते हुए कहा है कि इससे नई पीढ़ी के लेखकों को गहरे अनुभव हासिल होंगे। वरिष्ठ साहित्यकार पीताम्बर अवस्थी ने कहा कविता संग्रह नई पीढ़ी के लिए एक बड़ा संदेश है ।पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष दिनेश ओझा, भगवान रावत ने पिथौरागढ़ जिले में साहित्यिक गतिविधियां बढ़ने पर खुशी जताई। वक्ताओं ने कहा कि भक्त दर्शन की कविताएं जीवन की संवेदनाओं से सीधे जुड़ती हैं और उनके लेखन में पत्रकार व साहित्यकार दोनों का बारीक अवलोकन एवं संवेदना दिखाई देती है। भक्त दर्शन ने कविताओं में महिलाओं, किसानों, बेरोजगारों और समाज के वंचित वर्ग के लोगों को स्थान दिया है जो उनके लेखन को सार्थक एवं सोद्देश्य बनाता है। कवि महेश पुनेठा ने कविता संग्रह की समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जन पक्षधरता इन कविताओं की विशेषता है। मानवीय मूल्यों में लगातार आ रही गिरावट कवि की मूल चिंता है। जिसे उन्होंने कई कविताओं में व्यक्त किया है। कवि स्त्री-पुरुष बराबरी के पक्षधर हैं, जिसकी झलक उनकी सरूली, पगली, बिटिया, एक थी तितली कविताओं में मिलती है।कवि ने अपनी कविताओं में सामाजिक एवं मानवीय विडंबनाओं के बरक्स प्रश्न भी खड़े किए हैं , यहां तक कि ईश्वर की कथित व्यवस्था के खिलाफ प्रश्न उठाने में भी कवि ने कोताही नहीं की है। कई वक्ताओं ने पिथौरागढ़ में बढ़ती साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों को भविष्य के लिए एक शुभ संकेत बताया। कहा कि आज पिथौरागढ़ क्षेत्र में निरंतर साहित्य सृजन हो रहा है और पढ़ने लिखने की संस्कृति समृद्ध हो रही है।आयोजक संस्था पर्वतीय पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय वर्धन उप्रेती ने कहा शीर्षक कविता मां के जरिए भक्तों दर्शन पांडे ने पहाड़ की महिलाओं की समस्याओं को सामने लाने का सराहनीय कार्य किया है। विमोचन अवसर पर साहित्यकार प्रकाश पुनेठा, कुंडल चौहान, पूर्व प्राचार्य डॉ परमानंद चौबे, युवा साहित्यकार ललित शौर्य, विप्लव भट्ट लेखक भक्त दर्शन के पिता केदार दत्त पांडे, पुष्कर दत्त जोशी, एलडी पांडे डॉ हेम पांडे, राजेश मोहन उप्रेती जगदीश कलौनी सहित तमाम लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पुनेठा ने कहा कि साहित्यिक गतिविधियों का बढ़ना एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि भक्त दर्शन की कविताओं में गहरा अनुभव झलकता है। पत्रकारिता के साथ-साथ भक्त दर्शन ने कविता संग्रह प्रकाशित कर सराहनीय कार्य किया है। कार्यक्रम में पद्मश्री बसंती दीदी, राम सिंह, एडवोकेट अजय बोहरा, मनोज ओझा आदि मौजूद थे।